Thursday 15 December 2011

30 साल में देश भर में 1.20 करोड़ बच्चियों की घूण हत्या




लखनऊ (एजेंसी)। भारत में पिछले तीन दशक में एक करोड़ बीस लाख बच्चियों को गर्भ में लिंग का पता लगाकर मार दिया गया। सेंटर फार ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के इस साल कराए गए सव्रेक्षण में यह तथ्य सामने आया है। इसकी पुष्टि संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति की अक्टूबर, 2010 की रिपोर्ट में भी हुई है। भारत में वर्ष 2011 की जनगणना से यह साफ संकेत मिलता है कि छह साल तक के बच्चों के अनुपात में लड़कियों की संख्या में लगातार कमी दिखाई दे रही है। प्रति एक हजार लड़कों में लड़कियों की संख्या 914 रह गई है। सव्रेक्षण के मुताबिक देश के कई बड़े राज्यों महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में यह प्रतिशत 914 से भी कम है। पंजाब और हरियाणा में यह आंकड़ा क्रमश: 846 और 830 है। संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति का मानना है कि एशियाई देशों खासकर भारत और चीन में 11 करोड़ 70 लाख कन्याओं की घूण हत्या की गई। लड़कियों के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के सात स्वयं सेवी संस्थाएं भी बढ़चढ कर हिस्सा ले रहे है। कन्या घूण हत्या के खिलाफ अभियान चलाने तथा इसके लिए जमीनी स्तर पर लोगों को जानकारी देने के लिए पिछले 10 साल से काम किया जा रहा है, ताकि लड़कों के मुकाबले लड़कियों का कम अनुपात ठीक हो। इसके तहत कन्या घूण हत्या के व्यवहार को चुनौती देना और रोकना तथा बड़े पैमाने पर जागरुकता पैदा करना है, ताकि लड़के और लड़कियों की बराबरी और लड़कियों के अधिकार के मुद्दे को संवेदनशील बनाया जा सके। संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति की रिपोर्ट में सामने आए तथ्य

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